Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
कविता :आओ जियें जिन्दगी ,बन्दगी के लिए
पता नहीं किस बात पर इतराता है आदमी कब समझेगा अर्थ ढाई आखर का आदमी भूल बैठा है आज वो निज कर्तव्य को खून क्यों…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
चलता जा रहा है सुबह शाम आदमी
कहीं खो गया है आभासी दुनिया में आदमी झुंठलाने लगा है अपनी वास्तविकता को आदमी परहित को भूलकर स्वहित में लगा है आदमी मीठा बोलकर…
बॉलीवुड यानि माया नगरी के हीरो की नशे की बुरी लत के बारे में आगाह करती हुई समसामयिक घटना का साक्षात चित्रण किया है…..बहुत ख़ूब सतीश जी काबिले तारीफ़ रचना ।
बहुत बहुत धन्यवाद। इतनी सुंदर समीक्षा की है आपने , सादर अभिवादन गीता जी
वाह बहुत खूब
सादर धन्यवाद जी
सुन्दर अभिव्यक्ति
सादर धन्यवाद
वाह वाह बहुत खूब
Thank you
अतिसुन्दर
Thank you
बुहत चिंतन का विषय है ।
Thank you
बहुत ही बढ़िया
सादर धन्यवाद
अति सुन्दर
धन्यवाद जी