Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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बहुत खूब, बहुत ही बढ़िया
Thank you very much sir for your valuable comment 🙏
अब रहते हैं प्रभु भी,
हमेशा ही ऑनलाइन..
बहुत खूब, बहुत सुंदर।
आधुनिकता का पुट देकर लोगों द्वारा किये जा रहे कर्मों पर ईश्वर की सतत दृष्टि होने को प्रतिपादित किया है। सुन्दर शब्दों में शानदार अभिव्यक्ति
सुन्दर और सटीक समीक्षा देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी । बहुत बहुत आभार 🙏
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद आपका भाई जी 🙏
बहुत खूब, अति उत्तम
सादर धन्यवाद जोशी जी 🙏
Very nice poem
Thank you so much Isha ji for your nice and lovely compliment.
बहुत ही सुंदर
समिती को बहुत बहुत धन्यवाद एवम् आभार 🙏
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏