ज़िन्दगी की दास्तान
कभी सुख,कभी दुख
यही देती है ज़िन्दगी
स्वर्ग यहीं है, नर्क यहीं है,
ऊपर, नभ में कुछ नहीं है
ये धरा है , माया नगरी,
स्वर्ग के दर्शन हों कभी,
कभी नर्क भी दिखे यहां
सब कुछ सहना होता है,
यही है ज़िन्दगी की दास्तां..
*****✍️गीता
सुंदर
धन्यवाद प्रज्ञा
कवि गीता जी की उपरोक्त पंक्तियाँ जिन्दगी की दास्तान को बहुत ही सफल तरीके से प्रस्तुत कर रही हैं। सुन्दर शिल्प, बेहतरीन भाव, कवि को अभिवादन
कविता की इतनी सुन्दर समीक्षा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी , बहुत बहुत आभार। अभिवादन सर🙏
बहुत खूब
बहुत बहुत शुक्रिया भाई जी 🙏