ममता

ममता मूल दुखद तरुवर के ,नैनन नीर बहावे।
निर्मोही जड़ जीव जगत में ,सुख सरिता बहावे।।
श्वान शुका अजशावक जे , मरत मूढ़मति आवे।
निश-दिन मूषक मरत बथेरे, केहू ना दुख मनावै

Related Articles

ममता

ममता मूल दुखद तरुवर के ,नैनन नीर बहावे। निर्मोही जड़ जीव जगत में ,सुख सरिता बहावे।। श्वान शुका अजशावक जे , मरत मूढ़मति आवे। निश-दिन…

Responses

+

New Report

Close