Categories: शेर-ओ-शायरी
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साहित्य साहित्य है
साहित्य साहित्य है न हार न जीत है, न जद्दोजहद है, न ही संघर्ष है। न दूसरे पर निशाना है, न कोई बहाना है, साहित्य…
दुर्योधन कब मिट पाया-15
इस दीर्घ कविता के पिछले भाग अर्थात् चौदहवें भाग में दिखाया गया कि प्रतिशोध की भावना से ग्रस्त होकर अर्जुन द्वारा जयद्रथ का वध इस…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
हिन्दी राम भजन 9 – श्रीराम कहाते है |
चैत्र नव रात्र के अवसर पर रामनवमी मे श्रीराम भजन हिन्दी राम भजन 9 – श्रीराम कहाते है | श्रीराम तुम्हारे चरणों मे हम भाव…
तलवार अब जरूरी
तलवार जरूरी —————— मराठे, राजपूत, सिख सदा उसूलों पर ही चले थे। सीने पर तीर खाएं…. फिर भी… पीठ पीछे ना वार किए थे। अंग्रेज…
बहुत उम्दा
बहुत खूब,उत्तम अभिव्यक्ति
कवि शास्त्री जी आपकी यह शायरी अति उत्तम भाव संजोये हुए है। बहुत खूब