मगर है चाँद सा

आप खो गए थे
मन उद्वेलित था
अब आ गए हो
है प्रफुल्लित सा।
नभ में सूरज उदित सा,
मन है मुदित सा।
आपका होना
रात को चाँद सा,
काजल लगी आंख सा।
मगर प्रविष्टि है कठिन दिल में
क्योंकि वो बना है
शेर की माँद सा।
मगर है चाँद सा।

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Responses

  1. आपका होना रात को चाँद सा,
    काजल लगी आंख सा।मगर प्रविष्टि है कठिन दिल में
    क्योंकि वो बना है शेर की माँद सा।
    मगर है चाँद सा।
    ________ कविता की नायिका के सुन्दर हृदय की प्रशंसा करती हुई सुन्दर शिल्प और भाव सहित कवि सतीश जी की बहुत सुंदर कविता

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