मगर है चाँद सा
आप खो गए थे
मन उद्वेलित था
अब आ गए हो
है प्रफुल्लित सा।
नभ में सूरज उदित सा,
मन है मुदित सा।
आपका होना
रात को चाँद सा,
काजल लगी आंख सा।
मगर प्रविष्टि है कठिन दिल में
क्योंकि वो बना है
शेर की माँद सा।
मगर है चाँद सा।
आप खो गए थे
मन उद्वेलित था
अब आ गए हो
है प्रफुल्लित सा।
नभ में सूरज उदित सा,
मन है मुदित सा।
आपका होना
रात को चाँद सा,
काजल लगी आंख सा।
मगर प्रविष्टि है कठिन दिल में
क्योंकि वो बना है
शेर की माँद सा।
मगर है चाँद सा।
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बहुत सुन्दर रचना
बहुत धन्यवाद
आपका होना रात को चाँद सा,
काजल लगी आंख सा।मगर प्रविष्टि है कठिन दिल में
क्योंकि वो बना है शेर की माँद सा।
मगर है चाँद सा।
________ कविता की नायिका के सुन्दर हृदय की प्रशंसा करती हुई सुन्दर शिल्प और भाव सहित कवि सतीश जी की बहुत सुंदर कविता
इस बेहतरीन समीक्षा हेतु आपको बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत शानदार
बहुत धन्यवाद
बहुत ही सुन्दर
बहुत धन्यवाद
bahut khoob
Thanks sir
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद जी