Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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आज देखो दुनिया क्या से क्या हो गयी
हंसी ख़ुशी कहीं ,गम की वादियों में खो गयी आज देखो दुनिया क्या से क्या हो गयी दूसरों की सफलता पर ,जो बजती थी तालियाँ…
पत्थरों की तरह आदतें हो गयीं
हम भी रोये नहीं मुद्दतें हो गयीं। पत्थरों की तरह आदतें हो गयीं। जबसे बेताज वह बादशाह बन गया, पगड़ियों पर बुरी नीयतें हो गयीं।…
Khamoshiya (खामोशियां )
,,,,,,,मैरी हजारो बातें हजारो लोगो के बीच यू गूम हो सी जाती है, मेरी वही अनकही सी बातें जुबां पर आते आते ना जाने क्यू…
यादें
बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…
बिटिया ! लक्ष्य हमेशा रखना याद
अनसुनी करके सबकी बात लक्ष्य हमेशा रखना याद।। इल्म ऐसा तुझमें आए तेरी मंजुलता सबको भाए हर सङक पर, हर गली में हरेक जन की…
बहुत सुन्दर पंक्तियां
ज़िन्दगी पर बहुत सुन्दर लिखा है,बहुत खूब
Very nice
बहुत सुंदर वाह
खूब