खुशबू ला दूँगा

झड़ी लगा दूँगा यहाँ, लिख कर तुझ पर मीत,
प्यार मुहब्बत ही नहीं, दर्द भरे भी गीत,
दर्द भरे भी गीत, तुझे गाकर कह दूँगा,
फूल तोड़कर आज, यहाँ खुशबू ला दूँगा।
कहे लेखनी नई चाहना है उभर पड़ी।
इसीलिए तो बारिश, की उमड़ रही है झड़ी।

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Responses

  1. “झड़ी लगा दूँगा यहाँ, लिख कर तुझ पर मीत,
    प्यार मुहब्बत ही नहीं, दर्द भरे भी गीत”
    ____इतनी सुंदर छंद युक्त रचना ,एक श्रेष्ठ कवि की लेखनी से ही निकल सकती है।,मोहब्बत के पैगाम देती हुई बहुत सुन्दर पंक्तियां

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