हमेशा सच ही सैल्यूट पाये

जो राह सच्ची चलेगा मित्रों
भले ही गाली वो लाख खाये
मगर है ईश्वर का न्याय ऐसा,
हमेशा सच ही सैल्यूट पाये।
कभी भी जीवन में तुम किसी का
बुरा न करना, बढ़े ही जाना,
कभी भी मेहनत से मत भटकना
चले ही जाना कदम बढ़ाना।
अनेक छींटाकशी भी होगी
अनेक कमियां दिखाई देंगी,
मगर तुझे हिम्मत रख हमेशा
स्वयं की राहें बनानी होंगी।
बना के सीढ़ी, पहुंच के मंजिल
खुशी तुझे भी मनानी होंगी।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

  1. बना के सीढ़ी, पहुंच के मंजिल
    खुशी तुझे भी मनानी होंगी।
    _______सच्ची राह पर चलते हुए अपनी कामयाबी की सीढ़ी स्वयं बनाने की उच्च स्तरीय प्रेरणा देती हुई कवि सतीश जी की बहुत ही श्रेष्ठ रचना। सुन्दर शिल्प और उत्कृष्ट लेखन

  2. जो राह सच्ची चलेगा मित्रों
    भले ही गाली वो लाख खाये
    मगर है ईश्वर का न्याय ऐसा,
    हमेशा सच ही सैल्यूट पाये।
    कभी भी जीवन में तुम किसी का
    बुरा न करना, बढ़े ही जाना,
    कभी भी मेहनत से मत भटकना

    सत्य की विजय ही होती है यही कहती रचना
    अति उत्म

New Report

Close