मै माँ हूँ, मैं बेहतर से जानती हूँ
1. मै माँ हूँ
मैं बेहतर से जानती हूँ
मेरा नाम अनु मेहता हूं, मैं भी के माँ हूँ मेरी बेटी भी 15 महीने की है….
कोविड -19 (कोरोना वायरस) महामारी ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। भारत कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से ज़बरदस्त तरीक़े से जूझ रहा है फिर, अचानक कोरोना की दूसरी लहर ने पांव पसारना शुरू कर दिया।
मन में भी इतना डर बैठ गया है, मेरे मन में भी नकारात्मक (negative) विचारों ने घेर रखा है। मैं रोज की तरह अपने ऑफिस से रूम जाती हूँ । अपने मुँह-हाथों को धो कर दरवाजे से अपनी बेटी Itika को आवाज देती हूँ। Itika भी नंगे पांव दौड़ते हुए कमरे से बाहर निकलती है, माँ-माँ करते हुए, उसको अपनी गोद में लिए अपने कमरे में ले जाती हूँ। थोड़ी देर मां – बेटी आराम करते है। 18.00 बजे उठकर हम रात का खाना बनाते थे। फिर थोड़ा सा पड़ोसियों के पास बात-चीत कर लेते और थोड़ा बच्चों के साथ भी खेल लेते थे। क्या करे बच्चों के साथ बच्चे बन जाते है।
20.00 बजे खाना खाया और 21.00 बजे सो गए। मां और बेटी दोनों गहरी नींद में सो रही थीं। अचानक किसी ने बहुत तेजी से दरवाज़ा खटखटाया। हड़बड़ी जल्दबाजी में मैंने भी दरवाजा खोला के लिए भागी और मेरे पैर से पानी का जग भी गिर गया। जैसे दरवाजा खोला तो देखा निकिता की माँ निकिता को अपनी गोद में लिए बहुत जोर -2 से रोने लगी और बोली देखो मेरी बेटी को क्या हो गया है। जैसे ही उसने मुझे अपनी बेटी को गोद में दिया, मैं खुद बहुत डर गई थी। मैंने देखा 19 महीने की बेटी उसके मुंह में सफेद झाग जैसा निकल रहा था…….
मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था मै क्या करू, कहा जाऊँ, किस से मदद मांगू, Over All कुछ समझ नहीं आ रहा था। दिमाग कुछ काम नहीं कर रहा था। फिर मुझे जो सही लगा वही किया सब से पहले बेटी को पानी पिलाया। फिर दूध और थोड़े से ब्रेड खिलाये और बच्ची की माँ के पास उसकी बेटी वापस दे दी। खाना खिलाने के बाद उसने उल्टी कर दी। मैं उसकी माँ को बोला आप अपना दुध पिलाओ। गाड़ी का प्रबंधन करती हूँ। उतनी ही देर में बेटी के पापा भी आ गए। घर के पास एक नजदीक कंपनी में काम करते है। उन्होंने कंपनी की गाड़ी से बेटी को हॉस्पिटल लेकर गए। 10 -15 मिनट में हम लोग हॉस्पिटल भी आ गए। डॉक्टर ने बेटी का चेकअप किया। बेटी को बहुत तेज़ बुखार (103 डिग्री) था। डॉक्टर ने ठंडे पानी की पट्टी रखने को कहा………… आधे घंटे तक नर्स के साथ ठंडे पानी की पट्टी रखने में भी मै भी मदद करवा रही थी। बेटी का तापमान कम होते ही डॉक्टर ने दवा दे दी।
20-25 मिनट के बाद छुट्टी दे दी। गई हम लोग रात के 2.00 बजे कमरे में पहुंचे। अगली सुबह डॉक्टर ने चेकउप के लिए बुलाया था। फिर से डॉक्टर के पास लेकर गए और उसका ब्लड टेस्ट, कोरोना टेस्ट करवाया। जब तक रिपोर्ट नहीं आयी तब तक चिंता बहुत सता रही थी। 2-3 घंटे बाद रिपोर्ट आई। ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट में ब्लड इंफेक्शन और कोरोना की रिपोर्ट में कोरोना निगेटिव। रिपोर्ट को देख कर थोडी दिल को एक राहत मिली। डॉक्टर ने बेटी का पूरा ख्याल रखने कि सलाह दी…………
बेटी की माँ ने बेटी की अच्छे से ध्यानपूर्वक अच्छी देखभाल की। अब बेटी बिल्कुल ठीक है।
आप सभी से अनुरोध है कि अपना और अपने परिवार का पूरा ख्याल रखें।
घर पर रहें और स्वच्छ रहें….
Stay home and stay clean
अतिसुंदर रचना
बहुत ही सुन्दर भाव में अपनी कथा को शब्दों से पिरोया है आपने।
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति
thank u
अति सुन्दर प्रस्तुति
thank u ji