Aj desh me mar raha kisan hai
आजादी के इतने साल बाद भी ,
आज देश में मर रहा किसान हैं ,
आखिर क्यों हो रहा ऐसा हाल है ?
बीच में विचौला ही मालामाल है ,
अन्न जिसका खाकर हम जिंदा हैं ,
आज वही क्यों इतना परेशान हैं ,
ली जो कर्ज उसने अच्छी उपज के लिए ,
फिर भी सूखे से हैरान और परेशान हैं,
आजादी के इतने साल बाद भी,
आज देश में मर रहा किसान हैं ,
आज बच्चे उनके भुख से बेचैन है ,
खुद को बेवश पाकर दे रहे वे अपनी जान है ,
आज जाग रहा बेचारा किसान हैं,
और सो रही उनकी सरकार है,
सिमटी हुई पन्नों पर योजनाएं हैं,
आखिर क्यों हो रहा है ऐसा हाल है ?
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