मनोभाव

आरोपों के कठघरे में खड़े हो चाहे, या प्रशस्ति पाने उठे हो पैर हमारे। प्रशंसाओं में कभी हम फूले नहीं, इल्जामों से चिंताओं में डूबे…

मायापति की माया

अभिमन्यु वध से व्याकुल अर्जुन जयद्रथ की कायरता  सुनकर के क्रोध से जल उठा। जल रही प्रतिशोध की आग को शांत करने चीखकर प्रतिज्ञा कर…

देश दर्शन

शब्दों की सीमा लांघते शिशुपालो को, कृष्ण का सुदर्शन दिखलाने आया हूं,                                  मैं देश दिखाने आया हूं।। नारी को अबला समझने वालों को, मां…

श्री गणेश वंदना

है बुद्धिदाता,बुद्धि का सबको दान करो। है चिंताहरण,संसार की सब चिंता हरो। है विघ्नहर्ता ,सृष्टि के सब विघ्न हरो। है पापहर्ता ,नर नारी के सब…

“मैं स्त्री हूं”

सृष्टि कल्याण को कालकूट पिया था शिव ने, मैं भी जन्म से मृत्यु तक कालकूट ही पीती हूं।                                                    मैं स्त्री हूं।                                              (कालकूट –…

बचपन

वो मां का हाथ पकड़कर चलना, वो दौड़कर भाई का पकड़ना। वो दादी के किस्से कहानी सुनना, वो धागे में हाथ पिरोना। वो गर्मी में…

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