हरी रस

रसना है ,हरी रस के लिए मत ,रसना ,मधु ,पान करो रंग जा रसिया हरी रंग में अंतर रस ,रस पान करो -विनीता श्रीवास्तव (नीरजा…

चल वहां

चल वहां जहाँ नहीं गम तुम हो वहां और बस हम सागर सी गहरी जीवन गाथा अम्बर तक है ,प्रीत हमारी साथ चलेंगे हर पल…

गीत

चल वहां जहाँ नहीं गम तुम हो वहां और बस हम सागर सी गहरी जीवन गाथा अम्बर तक है ,प्रीत हमारी साथ चलेंगे हर पल…

वक़्त

वक़्त ,है ये कभी जमीं , तो कभी आसमा गम की रफ़्तार है ऐ , कुछ लम्हा , कारबां बड़ा सख्त है ऐ वक़्त है…

घरौंदे

रेतों के घरौंदे को , किसने है बचा पाया हम रेत के घर सारे, एक दिन ढह जाना है -विनीता श्रीवास्तव (नीरजा नीर)-

सावन

सावन की रिमझिम में, झुमे गगन औ धरा आवन पै सावन के, कण कण , रंग है भरा -विनीता श्रीवास्तव (नीरजा नीर)-

लाल

देखो सपूतों इस धरा पर, पैर न गैर जमने पाए कोई न अब लाल बिछड़े , कोई मांग उजड़ न पाए –विनीता श्रीवास्तव (नीरजा नीर)–

बिंदु

कर चुके भौतिक उपलब्धि , फिर भी मन उदास है बिंदु को सिंधु मिलन की, जनम जनम से प्यास है –विनीता श्रीवास्तव (नीरजा नीर)–

बोध

क्यूँ मनुज अबोध , बोध तुझमे ही सब क्यों करता है खोज , शोध तुझमे ही सब अविराम गति तू , विश्राम तुझमे ही सब…

पद चिन्ह

देख मनुज संसार में , कोई नहीं किसी का मतलब की दुनिया ये सारी कौतुक ब्रह्म विधि का मत सोच मनुज कि तू निर्बल है…

सृजन

सृजन के साथ विनाश जुड़ा है विनाश के साथ सृजन सुख दुःख का संगम है मानव का यह जीवन मरण के साथ जनम है जनम…

युग परिवर्तन

ये कैसा युग परिवर्तन नर दे रहा नर को , मौत का निमंत्रण नहीं चाहिए ये परिवर्तन , नहीं चाहिए ये परिवर्तन –विनीता श्रीवास्तव (नीरजा…

शहीद

–शहीद– भवर मैं खड़े होकर , तूफानों से टकराते हो अँधेरे में रह कर , चिराग देश का जलाते हो सुख सम्पति निज सपनो की…

New Report

Close