पहचान

बेकद्रों की महफ़िल मे कद्रदान ढूंढ रहा हूँ अनजान लोगो मे अपनी पहचान ढूंढ रहा हूँ अंधेरा करने वालों से रौशनी की मांग कर रहा…

सम्बन्ध

रिश्तों की डोर मे मजबूरियों का यह क्या सिला है, अपनों के बीच यह कैसा नफ़रत का फूल खिला है गुलिस्तां महकता था कभी जिनकी…

अपमान

अपमान करें कोई तेरा सम्मान उसे ही तुम देना जो कोई बुराई तेरी करें बदला ना बुराई से लेना गीता मैं यही और रामायण मैं…

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