ghazal ग़ज़ल

वक़्त के साँचे में ढलना सीख लो

गुफ्तगू का शीरीं लहजा सीख लो

छोड़ कर तुम आहनी अपनी रविश

मोम की सूरत पिघलना सीख लो

कायदा पढ़ना नहीं काफी मियां

कायदे से बात करना सीख लो

शोख लहरों सा मचलना छोड़ कर

शांत सागर सा ठहरना सीख लो

दोस्तों से प्यार तो करते सभी

दुश्मनों से प्यार करना सीख लो

 

 

 

 

 

 

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