Ghazal
मुहँ लटकाए आख़िर तू क्यो बैठा है
इस दुनिया में जो कुछ भी है पैसा है
दुख देता है घर में बेटी का होना
चोर -उचक्का हो लड़का पर अच्छा है
कुछ भी हो औरत की दुश्मन है औरत
सच तो सच है बेशक थोड़ा कड़वा है
सबकी हसरत अच्छे घर जाए बेटी
लड़का कितना महगां हो पर चलता है
शादी क्या है सौदा है जी चीज़ो का
खर्च करेगा ज्यादा वो ही बिकता है
लुटने वालो को लूटे तो क्या शिकवा
आज लकी मै भी लूटूँ तो कैसा है
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राही अंजाना - May 6, 2018, 5:06 pm
Bdhiya lucky ji
राम नरेशपुरवाला - September 11, 2019, 11:14 pm
Good
महेश गुप्ता जौनपुरी - September 12, 2019, 7:52 pm
वाह
Satish Pandey - July 31, 2020, 9:39 am
वाह
Abhishek kumar - July 31, 2020, 9:46 am
👌👌