khata-e-ishq……

मोहोब्बत मैं किसी की कोई खता नहीं होती
दिल मैं हर किसी के हरदम बफा नहीं होती

जरा संभल कर जाना इस समुन्दर-ऐ-इश्क़ मैं साहिब
ये वो नासूर है दिल का, जिसकी कोई दवा नहीं होती……………..!! (d k)

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