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तेरे हर-एक लफ्ज़ के मुताबिक़ हमको इक रोज बिछड़ना हैं,,
तेरा हाल तो तू ही जाने, हमे तो उठ-उठकर रोज मरना हैं,,
मगर तेरी अनचाही फ़िक्र के दरमियाँ, मेरे निक्कमे वजूद का जिक्र होगा इतना,,
भरकर रोज इन आँखों में,, फिर तुझे मेरी चाहतो का जुर्माना अता करना है!!!
तुमने तो अक्सर मुझको अपनी नजरो से नीचे उतारा हैं,,
मालूम तुझको तो होगा ही,, उधर बसता दिल तुम्हारा हैं!!
कल तक तो तुझको मेरे देखने भर से भी दिक्कत थी,,
तब ही तुझको तलब होगी,, इस चाहत में कितनी सिद्दत थी!!!
जब जब नजर भरकर तु,, खुद को दर्पण में निहारेगी,,
याद कर लम्हाती बातो को, कभी इठलायेगी फिर शर्माएगी!!
तब वजन होगा मेरी हर बात में इतना कि पलके खुद ही झुक जायेंगी,,
याद कर मेरा रुक जाना,, फिर तुमको संवारना, तू भी वही रुक जाएगी!!
हाए!! अब कोई तो देखे मुझे उसकी नजर से, यही सोचकर खुद से उठना है,,
भरकर रोज इन आँखों में,, फिर तुझे मेरी चाहतो का जुर्माना अता करना है!!!
मेरी सुस्ती को अगर तेरी हस्ती की थोड़ी सी भी चुस्ती मिल जाती,,
सच कहता हूँ राधा मेरी,, जन्नत भरी मस्ती इन हस्तो में खिल जाती!!
कल तक जो नजरे तेरे नयन प्रकाश संग जागना चाहती थी,,
हर एक साँस तेरा अमृत सा साथ पाकर आगे बढ़ना चाहती थी!!
मगर आज वही भौर तेरी शोर मचाती नजरो से डरती हैं,,
आज वही राह तेरी आहो की आंधी तले पिछड़ती रहती हैं!!
देख कितना बदला है मेरी नजरो का मंजर तेरे हर सितम के बाद ,,
कल तक जो ओझल होने से डरती थी,,, आज तेरे दर्शन से डरती है!!
मगर इन नजरो में फैला कर अँधेरा,, तेरे इन्तजार का प्रकाश भरना हैं
भरकर रोज इन आँखों में,, फिर तुझे मेरी चाहतो का जुर्माना अता करना है
Very elegant & lovely!
Shukriya… Janaab
Vaah vaah, Bahut bdhiyaa,
bhaavnaaon kaa lafjon me bayaan bahut sindar
hearty commends …!
Shukriya sir
वाह बहुत सुंदर
वाह
Nice
बहुत खूब