Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
हम उस देश के वासी है ।।
हम भारत के वासी है, संस्कृति हमारी पहचान है । सारी जहां में फैली हुई, हमारी मान-सम्मान है । सादगी है हमारी सबसे निराली, अजब…
Love Is In The Air
Love is in the air, Its fragrance is everywhere Juvenile or tender heart is little scare, The most congenial, Or the most vexatious thing, In…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
Oh
वाह
Wah