महात्मा गांधी
कारण जिसके हर हिंदवासी, आजाद हवा में रहता है
कारण जिसके आज विदेश में, सर उठा के भारत चलता है
उस मां भारत के वीर पुत्र को, श्रद्धा सुमन चढ़ाने आया हूं
मै उस आंधी जिसका नाम था गांधी कि गाथा गाने आया हूं
2 अक्टूबर 1869 , पोरबंदर बड़ा हर्षाया था
करमचंद और पुतलीबाई के, घर पर मोहन आया था
हां करी शैतानी; अठखेली, और कई बदमाशी भी
जब पकड़ी राह सत्य के पथ कि, मिली सिर्फ शाबाशी ही
वे प्रेरणापुंज वह राष्ट्रकुंज, दिव्य ज्योत जलाने आये थे
सत्य, अहिंसा, देशभक्ति का, पाठ पढ़ाने आये थे
वह धर्म; छूत का भेद मिटा, समरसता सिखाने आये थे
जन मन में राष्ट्रभक्ति जगा, अंग्रेज़ भगाने आये थे
वे रुके नहीं वे झुके नहीं, खाकर लाठी भी डिगे नहीं
हासिल जब तक ना हुई आजादी, रण क्षेत्र छोड़ वे भगे नहीं
वह राष्ट्रपिता; वह महात्मा, उनके दिल में भारत बसता है
आज भारत के दिल में वे और हर हृदय में गांधी बसता है
जन जन के दिल गांधी में बसता है
Superb..
बहुत सुन्दर
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Kya jehna
धन्यवाद
Vry gud
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A1 kavita
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Acchi likhawat h
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Awesome poetry 👍
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Nicely written 🤘🏻
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Gjb
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Very nicely written.. Keep up good work.
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Poem grt
Awesome 👍
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Arre shandaar bhaiya
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Acccha h likhthe rho
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Bhaut khub
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Khoob sundar
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Kya likha h bhai
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Shandar
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Aise hi likhte rho
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