अनुवाद
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Rakesh Saxena and
अनुवाद are now friends 1 week ago
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अनुवाद commented on the post, वचन 1 week, 2 days ago
धन्यवाद सखि..क्षमा कीजियेगा कुछ दिनों से आपकी प्रतिक्रियाओं का जवाब नहीं दे पाई 🙏🙂
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अनुवाद wrote a new post, वचन 1 week, 2 days ago
जब कभी भी टूटे ये तंद्रा तुम्हारी,
जब लगे कि हैं तुम्हारे हाथ खाली!जब न सूझे ज़िन्दगी में राह तुमको,
जब लगे कि छलते आये हो स्वयं को!जब भरोसा उठने लगे संसार से ,
जब मिलें दुत्कार हर एक द्वार […]-
अपने नयनों में प्रणय के दीप बाले,
मैं मिलूँगी तब भी तुम्हें बाहें पसारे!!
________बहुत ही कोमल भावनाओं के साथ और समर्पण का भाव लिए बहुत सुंदर कविता है सखी। उच्च स्तरीय लेखन -
बहुत खूब
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धन्यवाद सखि..क्षमा कीजियेगा कुछ दिनों से आपकी प्रतिक्रियाओं का जवाब नहीं दे पाई 🙏🙂
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No problem dear😊
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बहुत खूब
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Awesome poem
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अनुवाद wrote a new post, मातृभाषा 1 week, 3 days ago
दर्द बनके आँखो के किनारों से बहती है!
बनकर दुआ के फूल होंठो से झरती है!!देती है तू सुकून मुझे माँ के आँचल सा!
बनके क़भी फुहार सी दिल पे बरसती है!!खुशियाँ ज़ाहिर करने के तरीक़े हज़ार है!
मेरे दर्द की गहराई […]-
“होगी ग़ुलाम दुनिया ये पराई ज़बान की !
मेरी मातृभाषा तू मेरे दिल में धड़कती है!!”
_____मातृभाषा के बारे मे बहुत ही उत्कृष्ट रचना है सखी👌👌 -
देती है तू सुकून मुझे माँ के आँचल सा!
बनके क़भी फुहार सी दिल पे बरसती है!!
—— वाह, बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति। यह कविता कवि की उच्चस्तरीय क्षमता को परिलक्षित कर रही है। कविता में एक एक विरल काव्य बोध है। अदभुत लय है और अनुपम भाव है। -
सुंदर
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जाऊँ कहीं भी मैं इस दुनिया जहान में!
बन कर मेरी परछाईं मेरे साथ चलती हैं!!
बहुत खूब
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अनुवाद commented on the post, ग़रीब का बच्चा 2 weeks ago
अत्यंत हृदयस्पर्शी रचना सखि
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अनुवाद wrote a new post, क़िताबें 2 weeks ago
जब भी मन घिर जाता है अपने
अंतर्द्वंदों की दीवारों से,
जब मस्तिष्क के आकाश में छा
जाते हैं बादल अवसादों के…!!
तब
छांट कर संशय के अँधियारों को,
ये जीवन को नई भोर देती हैं,‘किताबें’…..मन के बन्द झ […]
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अनुवाद wrote a new post, प्रेम और विज्ञान 2 weeks, 3 days ago
एक महान विज्ञानी का कथन है…
‘हर क्रिया की बराबर किंतु विपरीत
प्रतिक्रिया होती है’..!!
प्रेम करने वाले इस तथ्य के जीवंत
उदाहरण हैं….
समाज ने जितनी तत्परता से रचे हैं
प्रेमियों को एक दूजे से दूर […] -
अनुवाद commented on the post, पुलवामा शहीदों को नमन 2 weeks, 4 days ago
धन्यवाद सखि 🙏
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अनुवाद commented on the post, राष्ट्रीय शोक दिवस 2 weeks, 4 days ago
बहुत उम्दा लेखन…भारत के वीर जवानों और उनके परिवारजनों को नमन
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अनुवाद wrote a new post, पुलवामा शहीदों को नमन 2 weeks, 4 days ago
याद है हमको प्रेम दिवस ऐसा भी एक आया था!
थी रक्तरंजित वसुंधरा, और आकाश थरथराया था!!एक कायर आतंकी ने घोंपा था सीने पर खंजर!
ख़ून बहा कर वीरों का, बदला था वादी का मंजर!!चालीस जवानों का काफ़िला ची […]
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अनुवाद commented on the post, चुम्बन 2 weeks, 4 days ago
बहुत बहुत शुक्रिया सखि
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अनुवाद wrote a new post, चुम्बन 2 weeks, 4 days ago
वो भटकता रहा लफ़्ज़ दर लफ़्ज़
गढ़ने को परिभाषायें प्रेम की,
रिश्तों की, विश्वास की…!!और
मैंने अंकित कर दिया हर एहसास
उसके दिल में सिर्फ चूम के
उसके माथे को…!!‘दरअसल चुम्बन, आलिंगन […]
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अनुवाद commented on the post, आलिंगन 2 weeks, 5 days ago
धन्यवाद सखि ❤️🌺
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अनुवाद wrote a new post, आलिंगन 2 weeks, 5 days ago
सांसारिक कुचक्रों में उलझ कर
अपनी मौलिकता से समझौता
करते मानव सुनो..!!
अपने भीतर हमेशा बचा कर रखना
इतना सा प्रेम…!!
कि
जब भी कोई व्यथित हृदय तुम्हारा
आलिंगन करे तो उस प्रेम की
ऊष्मा से पिघलकर आँसू […]-
Jay ram jee ki
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जब भी कोई व्यथित हृदय तुम्हारा
आलिंगन करे तो उस प्रेम की
ऊष्मा से पिघलकर आँसू बन
बह उठे उसके मन में जमी
पीड़ाओं की बर्फ…!!
___________पीड़ा का कितना सटीक चित्रण किया है कवि अनु जी ने अपनी रचना में, बिल्कुल अनु जी इतना प्रेम तो होना ही चाहिए,
बहुत सुंदर भवाभिव्यक्ति,बहुत सुंदर शिल्प और कथ्य -
धन्यवाद सखि ❤️🌺
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स्वागत सखि 🌹
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पीड़ा की बर्फ बहुत सुन्दर
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अतिसुंदर भाव
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Antariksha Saha and
अनुवाद are now friends 2 weeks, 6 days ago
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अनुवाद commented on the post, वचन 2 weeks, 6 days ago
प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद सखि 🌺🙏
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अनुवाद wrote a new post, वचन 2 weeks, 6 days ago
यदि बाँधने जा रहे हो किसी को
वचनों की डोर से, तो इतना
स्मरण रखनाकहीं झोंक न दे वचन तुम्हारा
उसे उम्र भर की अनन्त
प्रतीक्षा में…क्योकि,
प्रतीक्षा वह अग्नि है जो भस्म कर
देती है स्वप्नों और […]-
प्रतीक्षा वह अग्नि है जो भस्म कर
देती है स्वप्नों और उम्मीदों के
साथ-साथ मनुष्य की
आत्मा को भी…!!
_________ बहुत सुंदर और उच्च स्तरीय विचार प्रस्तुत किए हैं अनु जी आपने अपनी रचना में,बहुत ही गहरा सत्य छिपा है। रचना हृदय को छू गई , लाजवाब अभिव्यक्ति -
प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद सखि 🌺🙏
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सुस्वागतम् सखी💐
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बहुत खूब कहां बिछारने का कारण हमसब के कटु वचन ही है
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बहुत खूब
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Jay ram jee ki
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अनुवाद commented on the post, रिक्तता 3 weeks, 2 days ago
धन्यवाद सर 🙏
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अनुवाद wrote a new post, रिक्तता 3 weeks, 2 days ago
निकाल कर फेंक दिया है मैने
अपने भीतर से
हर अनुराग, हर संताप…
अब न ही कोई अपेक्षा है बाक़ी
औऱ न ही कोई पश्चाताप..!!मैं मुक्त कर चुकी हूँ स्वप्न पखेरुओं
को आँखो की कैद से…
वो उड़ चुके हैं अपने साथ […] -
अनुवाद commented on the post, सुख दुःख 1 month ago
प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद
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Thank you sir 😊🙏