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Mayank Vyas posted an update in the group
हिंदी कवितायें 7 months, 3 weeks ago
मार्ग में है काटें तो क्या अचरज उसमे,
तू अपने कर्मतप से मार्ग में फूल उगता चल,
बस राही चलता चला चल।।मार्ग नहीं पता तुझको तो क्या अचरज उसमे,
तू अपने बुध्दिबल से नया मार्ग बनाता चल,
बस राही चलता चला चल।।मार्ग भरा है अंधियारों से तो क्या अचरज उसमे,
तू मार्ग में अपने कदमों की मशाल जलाता चल,
बस राही चलता चला चल।।मार्ग भरा है प्रतिकूल परिस्थितियों से तो क्या
अचरज उसमे,
तू परिस्थितियों के अनुकूल बनता चल,
बस राही चलता चला चल।।मार्ग में है बाधाएं है अनेक तो क्या अचरज उसमें,
तू बाधाओं को अपनी धाल बनाता चल,
बस राही चलता चला चल।।मार्ग में तू एकाकी बिल्कुल कोई नहीं है राह बताने को तो क्या अचरज उसमें,
तू मार्गदर्शक बनकर पथिको को राह बताता चल,
बस राही चलता चला चल।।मार्ग में तू मंजिल से अनभिज्ञ है तो क्या
अचरज उसमें,
तू सफर को ही मंजिल समझता चल,
बस राही चलता चला चल।।मार्ग में तू अनजान है बिल्कुल तो क्या
अचरज उसमें,
तू एक मिसाल बनाता चल,
बस राही चलता चला चल।।
अतिसुन्दर, वाह
अतिसुन्दर, वाह
Sunder
धन्यवाद🙏🙏🙏🙏🙏
nice
Nice sir