Sakshi Chandra
मंजिल का रास्ता
December 20, 2018 in शेर-ओ-शायरी
हम जब भी थके तो मंजिल को पास बुला लिया।
कूछ रास्ता हमने तय किया तो कूछ मंंजिल ने,
दोनों ने मिलकर अपना तकदीर बना लिया।।
हम तो नयन बंद कर बैठे थे
December 20, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता
हम तो नयन बंद कर बैठे थे,
आपने हमे ऑखे खोलना सिखाया।
हम तो सिर्फ सोना ही जानते थे,
आपकी संगत ने हमें जीना सीखा दिया।।
पर फक्र न करना ऐ मेरे मालिक,
हमें जगाकर आप न जाने कहाँ खो गए।
हमारी दुआ पूरी कर खुद ही हमारी दुआ बन गए।।