Mera bharat
जो हल जोते, फसल उगाए
उसे उसकी कीमत नहीं मिलती।
जो मजदुर उत्पाद बनाए
उसे उसकी कीमत नहीं मिलती।
भूख और लाचारी का ऐसा आलम है
अब जान सस्ती है रोटी नहीं।
जात और धर्म का ऐसा टॉनिक खिलाया जाता है
कि किसी बच्ची या व्यक्ति की
मौत में धर्म नज़र आता है।
महात्मा को मारने वाले की पूजा करने वाले
उन्हीं के नाम पर डींगे हाँकते है।
देश में बेरोज़गार बढ़ रहे हैं
पर नेताओं के आम खाने के तरीके सुर्खियां बटोरते हैं।
व्यक्ति की क्रय छमता कम होने की वजह से
कारखाने बंद हो रहे हैं ।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दाव पर है
देश प्रेम के दिखावे में जेट प्लेन को निम्बू मिर्ची का चोखा लगाना पड़ रहा है।
कवि हूं प्यार और वेदना को सिर्फ नहीं लिख सकता हूं
मेरा देश जल रहा है और यह अंदर से टूट रहा है।
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' - February 15, 2021, 8:43 am
अतिसुंदर रचना
Geeta kumari - February 15, 2021, 11:36 am
सुंदर रचना
Satish Pandey - February 22, 2021, 3:57 pm
वाह, सटीकता आपकी लेखनी की पहचान है। आपके प्रत्येक शब्द समसामयिक जीवन से जुड़े हैं। भाषा का अद्भुत प्रवाह है।
Antariksha Saha - February 22, 2021, 5:37 pm
Thanks all