PAPA
एक शख्स जिसे बहुत करीब से देखा,
मेरी हर नुमाईशी पर सहलाते देखा,
मेरी हर उलझन को सुलझाते देखा,
अपने जज्बातों को हमेशा छिपाते देखा,
मेरी हर जिद्द को पुरा करते देखा,
हर मुश्किल से डटकर लडते देखा !
वही शख्स जिसे कभी कमजोर होते नहीं देखा,
किसी गैर का सहारा लेते नहीं देखा,
उसे काम से कभी थकते नहीं देखा,
बातों में किसी की उलझते नहीं देखा,
मैंने इस जहां में ऐसा कोई दूजा नहीं देखा,
बस एक बाप में ही ये सब देखा !
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