Pragya shukla sitapur shayri
मोहब्बत में कितने फलसफे लिखे
मेरे खत तेरे तकिये के नीचे मिले
बुला लो अगर बुलाना है वरना आ जाओ
इस दिल में तुम्हारा ही आशियाना है..
आजाद हूँ….
अपनी मस्ती में हूँ….
तुम्हारे बिन…
मैं ज्यादा खुश हू….!!!🤣
तुम हो तो सबकुछ है…!
मेरा कल मेरा आज…!
मेरी जिन्दगी और मेरा रुआब….!
अगर अपनाना है तो अपना लो मुझे
गर गिराना है नजरों से तो बता दो मुझे
बहुत दूर चली जाऊँगी…..!!
फिर कभी ना लौट आऊंगी…!!!!
दुहाई मत दे की तू नाशाद है
मेरी ही दुआओं से तू आबाद है
जब से तेरी मोहब्बत को सीने में दबा रखा है
क्या बताऊँ मैंने अपना क्या हाल बना रखा है
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