Rita arora jai hind

चलो उस पार चलते हैं
जहाँ गमों की धूप नहीं
सुख के ताने बाने है
रजाई में दुबक कर
नींद के आगोश में खोकर
सपने नये सजाने हैं
?? शुभ रात्रि ??
जयहिंद

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