स्वतंत्रता दिवस काव्य पाठ प्रतियोगिता:-
कृतज्ञ देश है उन वीरों का
जिसने लहू बहाया अपना
देश की खातिर तन मन धन
सब कुछ है लुटाया अपना
बलिदान दिया है कितनी मां ने
कितनी बहनों ने है भाई खोया
आज शहीदों को नमन किया
आज देश है खूब रोया
सारी जवानी भेंट चढ़ा दी
अपनी भारत मां के लिए
दिवाली पर घर आंगन से पहले
शहीदों की चिताओं पर जले दिए
अनमोल दिया है तोहफा हमको
हम सब की आजादी का
गांधी देश के वासी हो तुम
तो कपड़े पहनो खादी का
एक प्रतिज्ञा फिर से ले लो
सवा सौ करोड़ तुम हिंदुस्तानी
अब न वतन से करने देंगे
दुश्मन को अपनी मनमानी
दुश्मन को अपनी मनमानी
– वीरेंद्र सेन प्रयागराज