Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
झूठ का पाश
खुद को,झूठ के एक लौह जाल में घेर लिया तुमने झूठ का ये लिहाफ़,क्यों ओढ़ लिया तुमने, ये भी झूठ और वो भी झूठ, हर…
जैसे रहता हो समुन्दर तन्हा, किनारों की तरह…….
पहली मोहोब्बत का तकाज़ा क्या करे हम वो मिला था हमको बहारों की तरह दीवानगी इस से बढ़ कर और क्या होगी हमने चाहा था…
कविता : जिस प्यार पे हमको बड़ा नाज था …
जिस प्यार पे हमको बड़ा नाज था क्या पता था वो अन्दर से कमजोर है जिन वादों पे हमको बड़ा नाज था क्या पता था…
माखनचोर
मात हमारी यशोदा प्यारी,सुनले मोहे कहे गिरिधारी नहीं माखन मैनु निरखत है,झूठ कहत हैं ग्वालननारी। मैं तेरो भोला लला हूँ माता,मुझे कहाँ चुरवन है आत…
बहुत खूब
शुक्रिया
Waah
वाह बहुत खूब
Good