तुम

तुम तो कहते थे कि जी नहीं पाओगे मेरे बिना अरसे बाद मिला तो सवाल किया उसने मैंने कहा आखरी साँस पर तेरे साथ का…

जरुरत से ज्यादा

जरुरत से ज्यादा जुर्रत कर हिम्मत से ज्यादा हिमाकत कर। ख्वाब जितने भी हैं जिस्म में तेरे उन सबको रूह में शामिल कर। जरुरी नहीं…

shayari

ख्वाबो की ख्वाहिशो ने मार डाला, हमको तो वारना जीना तो हमे भी आता था, उनकी तरह झूठ का !

आज फिर …

कुछ लिख कर आज फिर मिटा दिया, कुछ बना कर आज फिर बिगाड़ दिया, वो आज भी नहीं आएगा मालूम है हमे, पर फिर भी…

मुक्तक

पास ना होकर भी जो दूर नहीं बिछड़कर भी जो छूटा नहीं सिर्फ दोस्ती का रिश्ता ही है जो मेरे बदलने पर भी बदला नहीं…

मुक्तक

दिल मे दर्द उतना ही रखना जितना आँखों मे समां सके क्योकि जो छलक गया वो लोगो की हंसी का हो गया ! (निसार)

ख्वाब

कुछ ख्वाब ऐसे थे, कुछ ख्वाब वैसे थे, कुछ दिल के हिस्से थे, कुछ दर्द के किस्से थे, कुछ खुदा को समझाने थे, कुछ खुद…

मौला….

मौला अपनी तू रहो मे, बैठे रहने दे छाओ मे एक दिन तो होगा कर्म ये भ्रम तो रहने दे ! चाहे सपनो को सपने…

मुक्तक

तुम मेरी सुबह बन जाओ मैं तुम्हारी राते बन जाऊ जो दुआ पूरी करते है मैं तुम्हारा वो तारा बन जाऊ !

इन्तजार….

तेरा इन्तजार करू, तेरा एतबार करू लेकिन कब तक बता यू ही सुबह से शाम करू ! तेरे बिना राहे चलती नहीं मेरी लेकिन कब…

खोया बचपन

बचपन के  शहर मे जाने , क्यों  ख़ाली से मकान पड़े है सयानेपन के हर जगह पर ऊँचे-ऊँचे बंगले खड़े है कुछ आधुनिकता की आड़ मे…

समझाऊँगी क्या मैं तुझको बतलाऊँगी क्या मैं तुझको ! कभी तो अपना जान तू मुझको कभी तो अपना मान तू मुझको ! बस इतना-सा वादा…

क्यों मिली नहीं रहमत तेरी अब तक क्या मेरी कोई भूल तेरे दर मे गुनाह मुक़र्र हुई है !

क्यों खुदा तेरा दिल भी बंजर-सा हुआ क्या तेरा भी कोई अपना बेईमान-सा हुआ !

चार दिन की थी जिंदगी एक दिन का था बचपन उसमे थोड़ा-सा कच्चा था, थोड़ा-सा अच्छा था लेकिन वो ही सबसे सच्चा था , क्योंकि…

एक नज्म

मेरी एक नज्म, दूसरी नज्म पर हंसती है तो कल वाली खुद पर इतराती है आज वाली खुद पर नाज करती है कभी वो वाली…

पतझड़

शाखों से टूटकर पते पतझड़ की निशानी दे गए! कल थे शान जिन दरख्तों की आज कदमो तले रुंद गए ! साए देते थे जो…

आम बात….

यहाँ आमो का सस्ते मे बिकना आम बात नहीं, लेकिन इंसानो का बिकना आम है ! यहां महफ़िलो के काफिले होना आम बात नहीं, लेकिन…

दुआ …

एक सुबह दे दे ऐसी , जो मेरा इंसाफ क़र दे! एक शाम बीता दे ऐसी , जो मेरे गुनाह माफ़ कर दे ! तमाशा…

खोज…

खोजते है बचपन अपना , ढूंढते है नादानी अपनी , कूड़े के ढ़ेर को समझते है कहानी अपनी ! देखकर मुझको वैसे तो दया सब…

दुआ

काश खुदा को भी मेरा ख्याल हो जाए, तमाम उम्र का इंतजार अब खत्म हो जाए ! * * दुआ से दिल की किताब लिखी…

ये दिल…

ना चैन है,  ना सुकून है ये दिल को क्या फितूर है l करता है ये मनमानियां , करता है ये शैतानिया सुनता नहीं बेधड़क…

जय हिन्द

ये  अजूबा  किसने  कर दिया फक्त एक मुट्ठी मैं सारा हिन्द इकट्ठा कर दिया तीन ही रंगों मैं सारा हिन्द बया कर दिया केसरी है…

कुछ

कुछ ना होने का भी कुछ तो मतलब होगा यूँ ही तो नहीं कुछ ना हुआ होगा वो मतलब खोज लीजिए कुछ ना होना कुछ…

bchpn

लो फिर याद आ गया , वो बचपन सुहाना वो झूठ का रोना , वो सच का आँखों सी आलू का टपकना वो बेबाकी सी…

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