Shayari

शुक्रगुज़ार तेरे नहीं तेरी तस्वीर के हैं
तन्हाइयों में भी हमारे साथ होती है
छोड़ती नहीं एक पल हमारा साथ
साथ जगती भी है और साथ सोती है
©अनीता शर्मा
अभिव्यक्ति बस दिल से

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Responses

  1. तन्हाईयों में भी हमारा या हमारे ? मैम इसे स्पष्ट करें, मैं समझने में असमर्थ हूँ।

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