अकड़ तेरे मन की काली छाया

अकड़ तेरे मन की काली छाया

इसको कर बड़ा क्या तू पाएगा

ख़ुद अंधेरों से निकाल ना पाएगा

किसी को क्या तू राह् दिखाएगा

                         …… यूई

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