अनदेखे, अनजाने दोस्त

“सावन” पर मुझे मिले,
कुछ अनदेखे, अनजाने दोस्त
जिनकी समीक्षा पाने की,
प्रतीक्षा रहती है हर रोज़
लेखन की इस नगरी में,
स्वागत करते हैं सबका
शत शत नमन है उन मित्रों को,🙏
मेरा भी स्वागत किया
धन्यवाद है, धन्यवाद है
अनदेखे, अनजाने अब,
लगते हैं पहचाने से….

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Responses

    1. मैने फ़ूल कुमार जी की “saavan”पर शिकायत करी थी ।कविता कॉपी करने के संदर्भ में,इनकी कविताएं साइट द्वारा डिलीट कर दी गई है

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