Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…
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अब तो खुश हो
Of course this is my right
Y
ये मेरी कविता है आपने क्यूं छपवाई अपने नाम से….how
सही कहा
आभार सहित धन्यवाद 🙏
वेलकम
🙏
मैने फ़ूल कुमार जी की “saavan”पर शिकायत करी थी ।कविता कॉपी करने के संदर्भ में,इनकी कविताएं साइट द्वारा डिलीट कर दी गई है