” अपनी क़ीमत “
अज़ीब समझ हैं अपनी ….
हम अपनी क़ीमत जानने से कही ज़्यादा ….
अपनी क़िस्मत जानना चाहते हैं….
पंकजोम ” प्रेम “
अज़ीब समझ हैं अपनी ….
हम अपनी क़ीमत जानने से कही ज़्यादा ….
अपनी क़िस्मत जानना चाहते हैं….
पंकजोम ” प्रेम “
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ache alfaaz..
Sukkriyaa ji. …….
वाह वाह
बेहतरीन प्रस्तुति