Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
माँ
माँ: जीवन की पहली शिक्षिका ******************** जीवन की पहली गुरु, मार्गदर्शिका कहाती है हर एक सीख,सहज लब्जों में सिखाती है ।। धरा पे आँखे खुली,माँ…
द्रौपदी की प्रतिज्ञा
# द्रौपदी की प्रतिज्ञा द्रौपदी का परिचय- आ खींच दुशासन चीर मेरा, हर ले मेरा सौंदर्य सजल । आ केश पकड़ कर खींच मुझे, अपना…
मैं आर देख रहा था, मैं पार देख रहा था…
मैं आर देख रहा था, मैं पार देख रहा था, बंद लतीफों की खड़े -खड़े मल्हार देख रहा था, सोचा था तंग आकर लिखूंगा ये…
बहुत बहुत आभार आपका
Kya likha hai