इससे बड़ी खुशी क्या होगी
जन्मभूमि मिल गई राम को
इससे बड़ी खुशी क्या होगी?
सुबह का भूला आया शाम को
इससे बड़ी खुशी क्या होगी?
चौदह साल बाद रघुवर को
मिला अबध का राज।
सदियों बाद मिला है बंधु
न्याय राम को आज।
बरसाओ सब फूल गगन से
पत्थर मत बरसाना।
विनयचंद रे भाईचारे का
धर्म नहीं विशराना।।
Nice
Nice
सुन्दर स्वाभविक है