Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
“आज जरुरत है हिंदी की”
“आज जरुरत है हिंदी की” आज जरुरत है हिंदी की हम सबको जोड़े रखने की शोषण – अत्याचार मिटा कर देश में अमन जगाने की…
लाइफ इन सिटी
थकी – थकी – सी है यह बेज़ार ज़िंदगी अब इसे थोड़े आराम की ज़रूरत है पसीने – पसीने हो गई है जल – जल…
यादें
बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
Good
Thanks
Nice
शुक्रिया आपका
Nice
थैंक्स
bahut khoob
शुक्रिया आपका
Khoob
धन्यवाद आदरणीय
Good
थैंक्स
Nyc
धन्यवाद
सुंदर पंक्तियां