उम्मीद
उम्मीद की लौ रोशन रहे,
ये जीवन जीने की चाह कहे।
ना हो कभी ना उम्मीद मनुज,
अवसाद की पीड़ा भी ना सहे।
उम्मीद की लौ रोशन रहे,
ये जीवन जीने की चाह कहे।
ना हो कभी ना उम्मीद मनुज,
अवसाद की पीड़ा भी ना सहे।
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अवसाद की बात करके आहत कर दिया आपने गीता दी..
जीवन के प्रति आस जगाने वाली पंक्तियां
वो मैं कह रही थी कि यदि उम्मीद हो तो अवसाद की पीड़ा नहीं होती है। लेकिन यदि ना उम्मीद हो तो फिर तो….. इसलिए उम्मीद का दामन ना छोड़ें, बस यही संदेश देना चाहती हूं
💐आपकी प्यारी सी समीक्षा के लिए प्यार भरा धन्यवाद💐
ऐसे ही अपनी सुंदर समीक्षाओं के साथ मिलती रहें।
OK sis
💐
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद आपका भाई जी🙏🙏
ना हो कभी ना उम्मीद मनुज,
अवसाद की पीड़ा भी ना सहे।
प्रेरणा देती हुई उच्चस्तरीय काव्य पंक्तियाँ
सुन्दर समीक्षा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद जी 🙏
सुन्दर अभिव्यक्ति
Thank you Suman ji🙏
Very nice
Thanks for your nice complement Piyush ji.🙏
Very nice
Thanks for your nice complement. Chandra ji 🙏