कभी-कभी
कभी-कभी,
छोटी-छोटी खुशियां भी
दे जाती उल्लास के पल
कभी कभी छोटे-छोटे दुख भी,
कर जाते दिल को घायल
क्या छोटा है क्या बड़ा
ये हम ही तो तय करते हैं
कभी किसी की एक छोटी सी बात,
दे जाती खुशियों की सौगात
और कभी किसी का कुछ ना कहना ही,
दे जाता दिल को आघात
ये निर्भर करता है हम पर
हम किसको कितना चाहें,
और कोई हमें कितना चाहे
कभी-कभी ऐसा होता है
कोई ना जाने…
कभी-कभी कैसा होता है
____✍️गीता
अतिसुंदर भाव
सादर धन्यवाद भाई जी 🙏
बिल्कुल सही कथन
बेहद खूबसूरत रचना
बहुत बहुत धन्यवाद प्रज्ञा जी
Welcome