कभी – कभी

कभी -कभी तो आते हैं
तुमसे मिलने!
यूँ मुँह ना फेरो हमसे
रूठे हो तो रूठे रहो
नज़रें तो मिलाओ हमसे।
इतना गुस्सा भी ठीक नहीं साहिब!
यूँ मलाल लिये बैठे हो
सज़ा देनी है तो दे देदो मगर
खता हो गयी है ये तो बताओ हमसे।

Related Articles

कभी-कभी

कभी -कभी तो आते हैं तुमसे मिलने! यूँ मुँह ना फेरो हमसे रूठे हो तो रूठे रहो नज़रें तो मिलाओ हमसे। इतना गुस्सा भी ठीक…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close