किस ओर
किस ओर गया मेरा सुकून
फकत इतना-सा बता दे कोई,
दिन-रात आगोश में रहता हूँ
बेचैनी के ।
किस ओर गया मेरा सुकून
फकत इतना-सा बता दे कोई,
दिन-रात आगोश में रहता हूँ
बेचैनी के ।
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थैंक्स
वाह
थैंक्स
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