Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: शायरी
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
सियासी खेल रचाया जा रहा है
सियासी खेल रचाया जा रहा है कुर्सी पाने के चक्कर में उंगली पर सबको को नचाया जा रहा है यहां रेस लगी है कुर्सी की…
मुझको बहुत नचाया
छलक- छलक आंखों ने दिल का हाल जताया। गीले-सूखे जज्बातों को फिर आज जगाया। दिल की धड़कन ने मध्यम -मध्यम राग सुनाया। मैं जिंदा हूं!…
अब रकीबों से दीवाने
जिन नजरों में सुनते थे अपने दिल के फ्साने उनही नजरोँ में हैं हम अब रकीबों से दीवाने …… यूई
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
Responses