क्यों सब सूना कर छोड़ गए

सूनी है सब डगर तेरे बिन
सूनी है मेरी नजर तेरे बिन
सूना है यह शहर तेरे बिन
क्यों सब सूना कर छोड़ गए
मुझको क्यों अकेला तोड़ गए

….. यूई

Related Articles

नज़र ..

प्रेम  होता  दिलों  से  है फंसती  नज़र , एक तुम्हारी नज़र , एक हमारी नज़र, जब तुम आई नज़र , जब मैं आया नज़र, फिर…

मैं अकेला….

मैं अकेला था अकेला हूँ अकेला रह गया, ज़िन्दगी की धूप छाँव सब खुशी से सह गया। टूटा हूँ पत्ते सा क्यूँकि मेरी सूखी डाली…

तुम्हारे बिना..

सूनी-सूनी सी फ़िज़ाऍं हैं, सूनी सी सब दिशाऍं हैं। आप नहीं हैं मेरी ज़िन्दगी में अगर, सूनी-सूनी सी लगती है ड़गर। हमें ही हमारी नहीं…

Responses

New Report

Close