ख़ुद जीता और दूसरों को जीवा जाता
झुका के मन को जीना सिखा जाता
ख़ुद जीता और दूसरों को जीवा जाता
अकड़ तेरी किस कम की निकली
जिसने तेरी सारी हस्ती ही निगली
…… यूई
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