खिलौने वाला

हाथ में लेकर सीटी आता
साइकिल पर होकर सवार
एक डंडे पर ढेर से खिलौने
जिसमे रहते उसके पास

गली- गली और सड़क- सड़क
बच्चों की खुशियाँ लाता है
देख के बच्चे खुश शोर मचाते
खिलौने वाला आया है।

देख कर चिंटू ,मिंटू से कहता
धनुष बाण तो अब मैं लूँगा
तब मिंटू ,चिंटू से कहता
हनुमन गदा को मै ही लूँगा।

इतने में आती है भोली
देख के बर्तन करती ठिठोली
कहती बर्तन मैं भी लूंगी
लूँगी साथ में गुड़िया चूड़ी।

सोहन – मोहन दौड़े आते
कहते हम भी लेंगे कुछ
एक है कहता वंशी लूँगा
दूजा कहता मैं लूँगा फूल।

देकर खुशियाँ सबको जाता
सबके मन को भाता है
गली- गली और सड़क -सड़क
सबको खुशियाँ बिखरता है।।

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