गाँव के किसान
शहर को देखने वाले
जरा तुम गाँव भी देखो।
वदन पे गर्द मत देखो
फटे वो पाँव भी देखो।।
गुजरते नार कीचड़ से
हमें नित फीड हैं देते।
मखाना वो कहे जिसको
लोटस सीड हम कहते।।
विनयचंद प्रेम कर इनसे
ये पालनहार हैं अपना।
सुख के नींद सोकर भी
न तोड़ो औरों का सपना।।
Nice
अद्भुत
Nice
धन्यवाद
Nice
Good
👏👏