गुल -ए-गुलाब कहता है

गुल -ए-गुलाब कहता है
इतना हमसे ओ प्रीतम
मजार -ए-शहीद पर चढ़ा देना।
खुशबूओं से,सराबोर कर दूँगा तुझको
जरा मेरा भी मान बढ़ा देना।।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

पथिक

मीलों का पथ, पथरीला भी पथिक हूं मैं भी, चल दूंगा। सारे मौसम शुष्क रहे क्यों बादल हूं मैं, बदल दूंगा। भीष्म बनो तुम, कर्ण…

Responses

New Report

Close