Categories: मुक्तक
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साँवला सलोना
साँवला सलोना चला, माखन चुराने को। मैया ने देख लिया, रंगे हाथ गिरधारी को। कान पकड़ के मैया, कहती हैं नंद से। क्यों चुराए है…
माखन नहीं चुरायों है!
भ्रम हुआ है तुमको, मैया ! भोला तेरा कृष्ण कन्हैया, माखन नहीं चुरायों है। लांछन लगाएं ब्रजबाला, ग्वालिन बड़ी ही सयानी चपला, मुझको बहुत नचायों…
मैं क्यों कन्हैया ?
(I) मैया, ओ मेरी मैया! क्यूँ कहती मुझे कन्हैया? कृष्ण और मैं — वो द्वापर का दुलारा, मैं कलयुग का मारा। वो नयनों का तारा,…
यशोदा प्यारे कृष्ण
यशोदा प्यारे कृष्ण कहें यशोदा मैया कान पकड़ कान्हा से तंग हुई मैं लल्ला अब तेरे शरारत से सुनो लल्ला माखन चोरी की आदत छोड़ो…
कवन मैया गोर बाड़ी
भोजपुरी देवी:- कवन मैया गोर बाड़ी गीत कवन मैया गोर बाड़ी हमका पता ना कवन मैया गोर बाड़ी। निमिया के डाल पर झूला पर बा…
👌
Nice
वाह