गज़ल – प्यार की महक |
गज़ल – प्यार की महक |
तुम्हारे प्यार की महक अभी बाकी है |
दूरिया ही सही तेरी याद अभी बाकी है |
रहे जहा बनके चाँद तू चमकता रहेगा |
तू पास रहे न रहे धमक तेरी बाकी है |
जिंदगी रेत सही बना लो घरौंदा मुझे |
मै जुगनू ही सही चमक अभी बाकी है |
याद करोगे जब भी पास मुझे पाओगे |
मचल कर आओ चाहत अभी बाकी है |
बिरान जिंदगी तेरी गुलशन बना दूंगा |
जहां हो चर्चा तेरा ललक अभी बाकी है |
तेरे सिवा नजरों मेरे कोई टिकता नहीं |
तेरी दीवानगी की सनक अभी बाकी है |
कहकर बेवफा गुनाहगार न बना मुझे |
साथ जीने मरने की बहक अभी बाकी है |
कर के इतनी मोहब्बत पागल न बन तू |
परवाना हूँ जल जाने दहक अभी बाकी है |
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286
तुम्हारे प्यार की महक अभी बाकी है |
दूरिया ही सही तेरी याद अभी बाकी है |
—— बहुत खूब, अत्यंत उम्दा रचना
तहे दिलसे आभार आपका
वाह वाह क्या बात है श्याम जी!!!!!! अतिसुंदर रचना
हार्दिक आभार आपका पण्डित जी
सुंदर रचना
शुक्रिया आपका