घर
रौशन आज मिलकर सब अपने घर कर लेंगे,
और मासूम परिंदे अपने भीतर पर कर लेंगे,
पूरा आसमां जगमगाऐगा बिना तारों के ऐसे,
के सितारे ज़मी को मानो अपने सर कर लेंगे,
कोना – कोना शहर का बोल उठेगा दिल से,
कुछ खामोशी से सब देखके ही मन भर लेंगे।।
राही अंजाना
Nice
धन्यवाद
Very nice
धन्यवाद
वाह
धन्यवाद
वाह
धन्यवाद
Good
धन्यवाद
Wah
Thanks
वाह
वाह
Good